जन्माष्टमी कब मनाया जाएगा, जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त !

नमस्कार, जय श्री राधे, साथ-साथ जो पर्व है जन्माष्टमी का वो बहुत ही जल्द आने वाला है और बहुत सारे लोगों को कंफ्यूजन है कि जन्माष्टमी का पर्व इस समय पे कौन सी डेट पे मनाया जाएगा क्योंकि राखी को भी लेकर के यानी कि रक्षा बंधन के पर्व को लेकर भी बहुत सारे लोगों के मन में confusion doubts थे रक्षाबंधन तो खैर चला गया पर हमने मना भी लिया कैसे भी करके confusion के साथ या क्लियर करके mind but still अब जो पर्व है वो जन्माष्टमी का है

जन्माष्टमी के पर्व की एक खासियत होती है जैसे कि हम रक्षाबंधन भी देखते हैं भद्रा कब है। ठीक उसी तरह से जन्माष्टमी के पर्व पे हम ये देखते हैं कि रोहिणी नक्षत्र कब है। अब रोहिणी नक्षत्र जो है जब तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र पड़ता है तभी हम जो है रात के बारह बजे के समय भगवान श्री कृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाते हैं, उनको झूला झुलाते हैं उसी समय पे हम उनका जन्म भी करते हैं जिसको हम कहते हैं कि कृष्ण लीलाएं हम करते हैं। तो ये सारी चीजें जो हैं अह जन्माष्टमी पे कौन सी डेट पे मनाई जाएगी, कौन-सी डेट पे जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा, कौन से दिन व्रत रखा जाएगा।

ये सारी जानकारी आपको इस Article में मिलेगी तो end तक पढ़िए ताकि आपकी जितनी भी confusions हैं, को लेकर के वो सारी confusions हो जाए दूर। अब यहाँ पे अगर हम बात करें सबसे पहले तो तिथि की क्योंकि तिथि का अपना बहुत महत्व होता है जब कोई पर्व मनाया जाता है तो वो किसी डेट पे मनाया जाता है। अब डेट जो होती है वो कौन-सी होती है भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि होती है जिस दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। जन्म अष्टमी जन्माष्टमी को हम क्या कहते हैं जन्म अष्टमी यानी कि कृष्ण जन्माष्टमी कृष्ण जी का जन्म होने की अष्टमी तिथि तो उसको जन्माष्टमी कह देते अब वहीं पर ये अष्टमी तिथि कब शुरू हो रही है, ये अष्टमी तिथि जो शुरू हो रही है, ये छह सितंबर को शुरू होगी, दोपहर के तीन बज के सैंतीस मिनट पे, यानी कि 3:13 पे ये जन्माष्टमी अह की तिथि यानी कि भाद्रपद की अ कृष्ण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दोपहर के 3:37 PM पे स्टार्ट होगी, ऑन सिक्स of सितम्बर, छह सितंबर को अब ये तिथि कब तक रहेगी? ये तिथि जो रहेगी वो अगले दिन यानी कि 07/09/2023 को शाम के 4 बज के 14 मिनट तक रहेगी यानी कि सवा चार बजे सात सितंबर तक रहेगी क्योंकि लोगों के मन में ये डाउट है कि सात सितंबर को क्या जन्माष्टमी है तो उसका मैं आपको जवाब दे रही हूँ कि अह सात सितंबर शाम के सवा चार बजे तक ही तिथि लगी रहेगी, अष्टमी तिथि, इसके बाद नवमी तिथि प्रारम्भ हो जाएगी।

मगर क्योंकि जब तिथि के बीच में रोहिनी नक्षत्र पड़ता है, तभी जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। और ये जो रोहिणी नक्षत्र आरम्भ हो रहा है, ये आरम्भ हो रहा है छह सितंबर दो हजार तेईस सुबह नौ बजके बीस मिनट पे अब नौ बजके बीस मिनट पे ये शुरू हो जाएगा रोहिणी नक्षत्र और जो समाप्त होगा वो सात सितंबर सुबह दस बज के पच्चीस मिनट पे समाप्त होगा यानी कि ten twenty five एएम पे समाप्त हो जाएगा।

तो तिथि जो है उदय तिथि के अनुसार तो सात सितंबर की रहेगी मगर हम हर चीज को उदय तिथि के अनुसार भी कैसे देख सकते हैं, हर चीज को हम उदय तिथि के अनुसार तो देखते हैं मगर क्योंकि कभी-कभी ऐसे ऐसे नक्षत्र ऐसे ग्रह पड़ जाते हैं जिस वजह से हमें उदय तिथि को मान्यता नहीं देनी चाहिए। जैसे कि अब यहाँ पे अष्टमी तिथि में जब रोहिणी नक्षत्र रात के बारह बजे लगता है तो उसी दिन जन्माष्टमी मानी जाती है। ठीक उसी तरह से भले ही उदय तिथि के अनुसार छह सितंबर को जन्माष्टमी का पर्व ना हो मगर क्योंकि रात के बारह बजे तिथि भी होगी अष्टमी। और रोहिणी नक्षत्र भी होगा तो इसीलिए छह तारीख को सारा दिन हम जन्माष्टमी की तैयारियां करेंगे। और छह तारीख की रात्रि का में ही हम जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे।

और साथ-साथ इस समय पे हम जो है भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा आराधना करके उनका जन्मोत्सव मना के उनको झूला झूला के और उनकी पूजा आराधना करेंगे। तो अब आपको समझ आ गया होगा कि जन्माष्टमी का पर्व कौन सी डेट पे मनाना है इस वर्ष, इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व छह सितंबर दो हजार तेईस को मनाया जाएगा। तो उम्मीद करती हूं आपकी तिथि को लेकर के confusions clear हो गई होंगी जय श्री राधे।

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एक अनुभवी लेखक के रूप में, आज़ाद कुमार को संशोधन करने की विशेष क्षमता है जिससे वे जटिल विचारों को स्पष्ट, सुलभ भाषा में परिवर्तित कर सकते हैं,

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