Business idea in Hindi: खाली दिमाग शैतान का घर तो आपने सुना होगा लेकिन खाली दिमाग चमत्कार का घर भी हो सकता है। जी हाँ, यह कहना है डॉक्टर पूनम जी का जिन्होंने इस सूखे फ्लॉवर से घर बैठे तैयार कर दिया। मेड इन इंडिया, अगरबत्ती, ओर्गेनिक अगरबत्ती कैसे हुआ? ये चमत्कार कहाँ से आया? ये आइडिया और गवर्नमेंट ने कैसे हेल्प की?
अगरबत्ती कैसे बनता है?
Q.सबसे पहला सवाल तो ये ये आइडिया कहाँ से आया कि सूखे फ्लॉवर से ये बेहतरीन शानदार अगरबत्ती में तब्दील कर दूँ?
ओनर डॉक्टर पूनम जी : 3 साल पहले मैं अकेले पन से जूझ रही थी और मुझे कहा जाता था कि जब अकेला हो इंसान तो भगवान के घर चला जाता है और मैं बड़ी नास्तिक टाइप की कभी जाती नहीं थी। तो मैंने सोचा अकेलापन को बांटने के लिए भगवान के पास मंदिर में जाते हैं और मैंने बड़े श्रद्धाभाव के साथ भगवान को फूल अर्पित किया, जो कुछ ही में पंडित जी ने कूड़े के ढेर में डाल दिया जो मुझे उस टाइम पे मैं इसे इमोशन्स में थी की मुझे बहुत ज्यादा हर्ट हुआ और ये दिमाग में बात आई कि जैसे ही मैंने श्रद्धाभाव से भगवान को फूल चढ़ाया है, उतने ही तो रोज़ लाखों लोग फूल चढ़ा रहे हैं। लाखों टन फूल रोज़ भगवान को चढ़ रहा है और कूड़े में जा रहा है। क्या उस कूड़े को हम कंचन में बदल सकते हैं? बस उसी मुहिम पे निकली और ये चमत्कार हो गया।
जी बहुत बेहतरीन आइडिया आपका ये तो ये जो फ्लावर देख रहे हैं आप यह इस तरह से पाउडर फॉर्म में जाता है और फिर इसका मिक्सचर तैयार करती हैं ये बनती है अगरबत्ती
Q.पूनम जी मेरा सवाल है कि ये ये जो फ्लोर है ये आप कहाँ से लेके आते है? आपका मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का है और ये कैसे इस तब्दील पाउडर में तब्दील करते हैं?
ओनर डॉक्टर पूनम जी: आप जी हमारे गुडगाँव में हम लोग काम करते हैं और उसमें बहुत सारे मंदिर ऐसे हैं जो हमें सपोर्ट कर रहे हैं वो सारा फूल हम तक भिजवा देते हैं या हम खुद भी जाकर पिक कर लेते हैं। उस फूल को पहले हम जैसे आपने देख रहे हैं वो फूल वहाँ पर रखा है। इस फॉर्म में हमारे पास आता है उसको फिर हम के रूप में ऐसे अलग अलग करके इसको सुखा लेते हैं।
जब यह पैटर्न सूख जाती है, ये हमें 10-15 दिन का प्रोसेसर लगता है। उसके बाद हम इसमें जो है इसको ये फूलों का पाउडर रेडी कर लिया जाता है। एक पल आइजर मशीन होती है या आप घर में मिक्सी में भी कर सकते हैं। इसके बाद इसमें जड़ी बूटियां ऐड की जाती है। इन दोनों का कॉम्बिनेशन रेडी किया जाता है और हैंडमेड तरीके से अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाई जाती है। नोर्मल्ली जो अगरबत्ती बनती है वो चारकोल से बनती है या व्हाइट चिप पाउडर जो होता है उससे बनती है। चार कुल में कार्बन मोनोऑक्साइड जेनरेट होता है। जब हम उसे बर्न करते हैं तो वह कैन्सर जेनी गैस रिलीज करता है तो हमने उस कार्बन को पूरा हटा दिया है चारकोल को और उसकी जगह हमने फ्लॉवर बेसिस का बना दिया है।
तो हेल्थ के लिहाज से भी स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह फायदेमंद है, क्योंकि इसमें जड़ी बूटी मिक्स हो रही है, इसमें कोई कार्बन मिक्स नहीं हो रहा है। कोई? हार्मफुल गैसेस रिलीज नहीं हो रहे हैं और सबसे बढ़िया बात जो कि यह जेनरेट कर रही है एम्प्लॉयमेंट ।
ओनर डॉक्टर पूनम जी: मेरे पास छह से सात लोगों की टीम है, जिसपे हम काम कर रहे हैं और मैं 2000 से ज्यादा महिलाओं को सीखा भी चुकी हूँ। हम लोगों ने जिनको सैलरी पर रखा उनके ₹9000 की सैलरी पर रखा है। लेकिन बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जो अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकती है। वो घर में बैठ के ही काम करती है तो हम उन तक रॉ मटिरियल पहुंचा देते हैं और वो जब बना लेते हैं तो हम उन से पिक कर लेते हैं तो उनको घर बैठे ही हम रोजगार प्रोवाइड कर रहे हैं और मैं इस मुहिम पर भी निकली हूँ की हमारा देश एक धर्म का देश है। हर गली में एक धार्मिक स्थल है। हर धार्मिक स्थल पर फूल चढ़ाए जाते हैं और वह फूल कूड़े में जाते हैं। तो अपने जैसे लाखों लोग खड़े कर दूँ ताकि वो लाखों टन फूल जो कूड़े में जा रहा है वो रीसाइकल हो जाए और इससे जो हमारे आत्मनिर्भर भारत का सपना जो देखा जा रहा है उसको मैं सच करने में थोड़ा सा अपना सहयोग दे रही हूँ।