Sahara India Pariwar के प्रमुख और मशहूर बिजनेसमैन Subrata Roy का निधन हो गया। वो 75 साल के थे। सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बिमारी से जूझ रहे थे और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। मंगलवार को सुब्रत रॉय ने आखिरी सांस ली। 15 नवंबर यानी की आज उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहाँ उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी। सुब्रत रॉय का जन्म भले ही बिहार में हुआ था, लेकिन उत्तर प्रदेश को उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया और लखनऊ से दुनिया के कई देशों में अपना कारोबार बनाया।
सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1900 अड़तालीस को बिहार के अररिया जिले में हुआ था। कोलकाता में शुरुआती पढ़ाई के बाद इन्होंने गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से मेकनिकल इंजीनियरिंग की। गोरखपुर में सहारा की शुरुआत 1978 में हुई जानकारी के मुताबिक उस समय सुब्रत रॉय गोरखपुर में एक स्कूटर से चलते थे, तब दिन में ₹100 कमाने वाले लोग उनके पास ₹20 जमा करते थे। सुब्रत रॉय के साथ उनके स्कूल कॉलेज के साथ में पड़े करीब 100 दोस्त भी काम करते थे। एक स्कूटर के साथ अपने सफर की शुरुआत करने वाले सुब्रत रॉय ने लाखों करोड़ों रुपए की कंपनी खड़ी कर दी। देशी नहीं बल्कि विदेशों तक उन्होंने अपना कारोबार बढ़ाया। देश से लेकर विदेशों तक सहारा समूह की कई करोड़ की प्रॉपर्टीज़ मौजूद है।
रियल एस्टेट, फाइनेन्स मीडिया, एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रीटेल इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक सहारा ग्रुप फैला। यही नहीं 11 सालों तक सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर तक रहा। सुब्रत रॉय ने सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी बनाई थी। आरोप ये लगा कि इसके जरिए उन्होंने रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों इन्वेस्टर्स से 17,000 करोड़ से ज्यादा रुपए इकट्ठा कर लिए। सेबी ने अगस्त 2010 में दोनों कंपनियों की जांच का आदेश दिया था। जांच में खामी पाए जाने पर सेबी ने सवाल उठाए तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट का रुख सुब्रत राय के लिए सख्त बना रहा। सहारा को निवेशकों के पैसे 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का निर्देश दिया गया।